
उत्तराखंड आंदोलन
विक्रम बिष्ट
सन् १९४६ में कुमाऊं केसरी बद्रीदत्त पाण्डे की अध्यक्षता में आयोजित हल्द्वानी सम्मेलन में पहाड़ी क्षेत्र के लिए पृथक प्रशासनिक इकाई के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया था।
भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव पीसी जोशी ने इसे आगे बढ़ाया। १९५७ में टिहरी रियासत के अंतिम शासक मानवेंद्र शाह कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए। उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के लिए मुहिम तेज की।
जून १९६७ की २४-२५ तारीखें उत्तराखण्ड आंदोलन के इतिहास में बहुत अहम है। दयाकृष्ण पाण्डे की अध्यक्षता में रामनगर में आयोजित सम्मेलन में पर्वतीय राज्य परिषद का गठन किया गया। रामनगर में अलग राज्य के लिए बड़ी रैली हुई। यह अलग राज्य निर्माण के लिए बौद्धिक कवायद से आगे जनता को आंदोलन से जोड़ने का पहला प्रयास था। परिषद के कार्यकर्ताओं ने उत्तराखण्ड के विभिन्न हिस्सों में जाकर जन जागरण अभियान चलाया।