
घनसाली। भिलंगना ब्लाक के बूढाकेदार क्षेत्र में मंगसीर की बग्वाल (दिवाली) धूमधाम से मनाई गई। ग्रामीण ने पारंपरिक व्यंजन बनाए भैला खेला और आतिशबाजी भी की। शनिवार को गुरु कैलापीर मेले का आयोजन शुरु हुआ, जिसमें गुरु कैलापीर के निशान के साथ हजारों ग्रामीणों ने खेतों मेंआस्था की दौड़ लगाई।
शुक्रवार रात को भिलंगना के बूढाकेदार क्षेत्र में मंगसीर की दिवाली के मौके पर क्षेत्र में खूब रौनक रही। दूर दराज क्षेत्र से लोग ग्रामीणों के घरों मे मेहमान भी पहुंचे। बूढ़केदार के क्षेत्र के ग्रामीणों सामूहिक रुप से पुंडारा के सेरा में भैले खेले और मंनाण का आयोजन किया, जिसमें ग्रामीणों ने पारंपरिक नृत्य किया। घरों में बने पारंपरिक पकवानों में स्वांले और पकोड़ी का मेहमानों और परिवार के सदस्यों ने खूब लुप्त उठाया। बीती शुक्रवार रात्रि को क्षेत्र में बड़ी दिवाली धूमधाम से मनाई गई। और शनिवार को तीन दिवसीय गुरु कैलापीर मेले का शुभारंभ हुआ।
सुबह से गुरु कैलापीर की मंदिर के भीतर पूजा-अर्चना की गई, जिसके बाद ग्रामीण ढोल-दमांऊ के साथ मंदिर परिसर में पहुंचे। और सीटी बजाकर देवता के मंदिर से बाहर आने का आहवान किया। देवता के बाहर आते ही श्रद्धालुओं ने सीटी बजाकर व जयकारे लगाकर देवता का स्वागत किया। दोपहर डेढ़ बजे गुरु कैलापीर के निशान को मंदिर से बाहर लाया गया। जिसके बाद देवता गांव के मुख्य रास्तों से होकर पुंडारा के सेरा पहुंचे, जहां श्रद्धालुओं ने गुरु कैलापीर देवता के निसान के साथ गेहूं के खेतों में दौड़ लगाई। बूढाकेदार मंदिर के अध्यक्ष भूपेंद्र नेगी ने बताया विगत वर्षों की भांति वह इस वर्ष सीएम को मेले में आने का न्यौता देने गये थे, लेकिन चार दिसंबर शनिवार को पीएम मोदी की देहरादून में होने वाली रैली के चलते मेले में नहीं शामिल नहीं हो सके। इस मौके पर सचिव धीरेंद्र नौटियाल, हिम्मत रौतेला, कोषाध्यक्ष रामानुज बहुगुणा, सुशील सेमवाल, पूरव सिंह नेगी, प्रधान सनोप राणा, क्षेपंस मुकेशनाथ, मीडिया प्रभारी धनपाल गुनसोला, चंद्रेशनाथ, महेशनाथ, अखिलेश नाथ, धर्म सिंह जखेड़ी, सुखदेव बहुगुणा, गोपेश्वर प्रसाद जोशी आदि मौजूद रहे।