जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की शुक्रवार सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई। आबे नारा शहर में इलेक्शन कैंपेन के दौरान स्पीच दे रहे थे। 42 साल के…

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काबुल में आतंकी हमला

अफगानिस्तान के काबुल में शनिवार को गुरुद्वारे पर हमला हुआ है, जिसमें गार्ड समेत दो अफगानी नागरिक मारे गए हैं। तीन तालिबानी सैनिक भी घायल हुए हैं। हमले के पीछे…

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की सुरक्षा में चूक, घर के पास से गुजरा अनजान विमान

Highlights अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के डेलावेयर में स्थित घर के निकट से गुजरा विमान। बाइडन और उनकी पत्नी को भी कुछ देर के लिए घर से बाहर निकाल सुरक्षित…

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विश्व की नंबर एक खिलाड़ी इगा स्वियातेक ने फ्रेंच ओपन पर किया कब्जा

लगातार 35 मैचों में जीत हासिल की। 18वीं वरीयता प्राप्त गॉफ का यह पहला ग्रैंडस्लैम फाइनल था। सेरेना विलियम्स से आगे निकल गईं। फ्रेंच ओपन 2022 Women’s Final: विश्व की नंबर…

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चीन में बुलेट ट्रेन उत्तरी पटरी से चालक की मौत सहित 7 घायल

बीजिंगः चीन के गुइझोउ प्रांत में एक बुलेट ट्रेन पटरी से उतरने से हादसे में चालक की मौत हो गई और 7 यात्री घायल हो गए। 300 किलोमीटर प्रति घंटे की…

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धार्मिक स्वतंत्रता पर उठाए सवाल पर भारत ने अमेरिका को दिया करारा जवाब..अपने गिरेबान में झांकें गन कल्चर पर लगाएं रोक

भारत ने अमेरिकी वार्षिक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में अपनी आलोचनाओं को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को महत्व देता है और यह दुर्भाग्यपूर्ण…

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भारत-नेपाल और करीब आए

भारत और उसके पड़ोसी देश नेपाल अब एक-दूसरे के और करीब आ गए हैं।भारत और नेपाल के बीच बहने वाली काली नदी पर दो अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों को जनता के…

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विश्व जल दिवस आज, कल के लिए जल का संरक्षण जरूरी।

विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है साथ ही जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करना है। ब्राजील में रियो डी जेनेरियो में वर्ष 1992 में आयोजित पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई तथा वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपने सामान्य सभा के द्वारा निर्णय लेकर इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों के बीच में जल संरक्षण का महत्व साफ पीने योग्य जल का महत्व आदि बताना था। 1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया था और संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1992 में अपने ‘एजेंडा 21’में रियो डी जेनेरियो में इसका प्रस्ताव दिया था। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लगभग 4 बिलियन लोग वर्ष में कम से कम एक महीने के लिए पानी की भारी कमी का अनुभव करते हैं और लगभग 1.6 बिलियन लोग – दुनिया की आबादी का लगभग एक चौथाई – एक स्वच्छ, सुरक्षित जल आपूर्ति तक पहुँचने में समस्याएं हैं।

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विलुप्ति की कगार पर गौरैया का जीवन, कई कारक डाल रहे हैं अस्तित्व पर संकट।

अपनी चिर-परिचित चहचहाहट से आपके- हमारे घरों के सन्नाटे में जीवन की आहट घोलने वाली और आंगन से लेकर छतों और आस-पास मौजूद दऱख्तों तक फुदकती रहने वाली प्यारी सी चुलबुली गौरैया का जीवन समय के साथ-साथ खतरे में पड़ता जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो गौरैया का पूरा अस्तित्व ही अब विलुप्ति के कगार पर पहुंच गया है। इंसान की बदलती दिनचर्या इसकी मुख्य वजह है। यह कहना ग़लत नहीं होगा कि हालात ऐसे ही रहे तो बहुत जल्द गौरैया का होना अतीत की बात हो जाएगी। जीव विशेषज्ञों का कहना है कि शहरों में लगातार हो रहे प्रदूषण, अनाजों में रासायनिक दवाइयों के इस्तेमाल और रेडिएशन के वजह से गौरैया पर इसका बुरा असर पड़ा है। अगर जल्द इस विलुप्त हो रहे पक्षियों को संरक्षित और संरक्षण करने का काम नहीं किया गया तो एक दिन यह पक्षी नजर नहीं आएंगे। मोबाइल टावर से निकलने वाले विकिरण, रासायनिक अनाज गौरैया के प्रजनन और अंडे देने की क्षमता में बुरी तरह से प्रभावित हुई है। शहरों के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी गौरैया विलुप्ति की कगार पर है। इंसानी आबादी में लगातार बढ़ते जा रहे कंक्रीट के मकान इसका मुख्य कारण हैं। ऐसे में अगर जल्द इनके संरक्षण के उपाय नहीं किए गए तो सुंदर चिड़िया हम सब देखने को तरस जाएंगे। विश्व गौरैया दिवस हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है। गौरैया के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उददेश्य से वर्ष 2010 में इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई थी। पिछले कुछ समय से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है और इनके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहा है। विश्व गौरैया दिवस, नेचर फॉरएवर सोसाइटी ऑफ इंडिया के साथ-साथ फ्रांस की इकोसेज एक्शन फाउंडेशन की शुरू की गई एक पहल है। सोसाइटी की शुरुआत फेमस पर्यावरणविद् मोहम्मद दिलावर ने की थी। उन्हें 2008 में टाइम मैगजीन ने हीरोज ऑफ एनवायरमेंट में शामिल किया गया था।
साल 2010 में पहली बार 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया गया। इसके बाद हर साल 20 मार्च को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर गौरैया के संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों को गौरैया पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाता है। गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस और सामान्य नाम हाउस स्पैरो है। इसकी ऊंचाई 16 सेंटीमीटर और विंगस्पैन 21 सेंटीमीटर होते हैं। गौरैया का वजन 25 से 40 ग्राम होता है। गौरैया अनाज और कीड़े खाकर जीवनयापन करती है। शहरों की तुलना में गांवों में रहना इसे ज्यादा पसंद है। जीवविज्ञानियों का कहना है कि गौरैया की संख्या का लगातार कम होते जाना मानव सभ्यता के लिए भी चिंताजनक है।

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यूक्रेन में फंसे टिहरी के 26 छात्र और नागरिकों में से 22 पंहुचे भारत। छात्र पारस पंहुचे अपने घर नई टिहरी।

टिहरी। यूक्रेन और रूस के चल रहे युद्ध के बीच उत्तराखंड के छात्रों और नागरिकों का वतन वापसी का सिलसिला जारी है। टिहरी के करीब 26 छात्र और अन्य नागरिक यूक्रेन में फंसे थे। इनमे से 22 लोग भारत पंहुच चुके हैं। 3 लोग यूक्रेन बॉर्डर से निकल चुके हैं, जबकि 1 छात्रा अभी यूक्रेन में ही है। यूक्रेन में फंसे नई टिहरी बौराड़ी निवासी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र पारस रौतेला भी सकुशल नई टिहरी पहुंच गये। उनके घर पहुंचने पर उससे मिलने के लिये उनके नाते-रिस्तेदार सहित अन्य लोगों पहुंच रहें हैं। पारस के माता-पिता ने बेटे के सकुशल घर पहुंचने पर चैन की सांस ली। पारस कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र है। पारस ने बताया शनिवार को भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहे ऑपरेशन गंगा के तहत वह रोमानिया से दिल्ली पहुंचे, जिसके बाद दिल्ली से जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। उनके दिल्ली पहुंचने की सूचना पर उनके पिता मान सिंह रौतेला शनिवार सुबह ही देहरादून स्थित जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंच गये थे, पारस के सकुशल घर लौटने पर उनके परिजनों ने भगवान को शुक्रिया कहा साथ ही उन्होंने भारत सरकार का भी आभार जताया। उन्होंने यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों के सकुशल स्वदेश वापस की कामना की।

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