टिहरी। यूक्रेन और रूस के चल रहे युद्ध के बीच उत्तराखंड के छात्रों और नागरिकों का वतन वापसी का सिलसिला जारी है। टिहरी के करीब 26 छात्र और अन्य नागरिक यूक्रेन में फंसे थे। इनमे से 22 लोग भारत पंहुच चुके हैं। 3 लोग यूक्रेन बॉर्डर से निकल चुके हैं, जबकि 1 छात्रा अभी यूक्रेन में ही है। यूक्रेन में फंसे नई टिहरी बौराड़ी निवासी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र पारस रौतेला भी सकुशल नई टिहरी पहुंच गये। उनके घर पहुंचने पर उससे मिलने के लिये उनके नाते-रिस्तेदार सहित अन्य लोगों पहुंच रहें हैं। पारस के माता-पिता ने बेटे के सकुशल घर पहुंचने पर चैन की सांस ली। पारस कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र है। पारस ने बताया शनिवार को भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहे ऑपरेशन गंगा के तहत वह रोमानिया से दिल्ली पहुंचे, जिसके बाद दिल्ली से जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। उनके दिल्ली पहुंचने की सूचना पर उनके पिता मान सिंह रौतेला शनिवार सुबह ही देहरादून स्थित जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंच गये थे, पारस के सकुशल घर लौटने पर उनके परिजनों ने भगवान को शुक्रिया कहा साथ ही उन्होंने भारत सरकार का भी आभार जताया। उन्होंने यूक्रेन में फंसे सभी भारतीयों के सकुशल स्वदेश वापस की कामना की।
Category: अंतर्राष्ट्रीय
मुख्यमंत्री धामी ने यूक्रेन से लौटे छात्रों से की मुलाकात।कहा- विदेश मंत्रालय से लगातार सम्पर्क है।
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं का भारत सुरक्षित वापस लौटना जारी है। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में यूक्रेन से लौटे बच्चों से मुलाकात की। इस दौरान सीएम धामी ने पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व और भारत सरकार के प्रयासों की जमकर तारीफ की।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन में ही उत्तराखंड के कई छात्र फंसे हुए हैं। जिसको लेकर सीएम पुष्कर धामी विदेश मंत्रालय से लगातार संपर्क में हैं और सरकार ने छात्र -छात्राओं की वापसी के लिए दो नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में यूक्रेन से लौटे बच्चों से मुलाकात की। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व एवं भारत सरकार के प्रयासों से ही संभव हो पाया कि आज हमारे बच्चे युद्ध जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों से भी सकुशल वापस लौटे हैं। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के तीन विमान यूक्रेन के पड़ोसी देशों से 629 भारतीयों को लेकर शनिवार सुबह गाजियाबाद के हिंडन वायु सैनिक अड्डे पर पहुंचे । वायुसेना ने यह जानकारी दी। दरअसल, रूसी सेना के हमले के मद्देनजर यूक्रेन का हवाई क्षेत्र 24 फरवरी को ही बंद कर दिया गया था। इसके बाद यूक्रेन के पड़ोसी देश रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड से विशेष उड़ानों के जरिए फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाया जा रहा है।
रोमानिया बॉर्डर कैम्प में भारतीयों ने गाया राष्ट्रगान। जल्दी वतन वापसी की उम्मीद। कैम्प में करीब 2 हजार भारतीय। टिहरी के भी कुछ युवा।
टिहरी – यूक्रेन से रोमानिया बॉर्डर कैम्प में पंहुचे उत्तराखंड समेत देश के 2 हजार लोगों ने एक साथ राष्ट्रगान गाया है। इन सभी भारतीयों के जल्दी स्वदेश पंहुचने की उम्मीद है। रोमानिया के कैम्प में टिहरी के कुछ होटेलियर और छात्र भी रुके हैं। दरअसल यूक्रेन में टिहरी के 24 लोग रह रहे थे इनमें से एक छात्रा टिहरी अपने घर पहुंच पाई है, बाकी लोगों का आने का सिलसिला जारी है। रोमानिया में रुके प्रताप नगर निवासी नरेश कालूड़ा ने बताया कि कैम्प में यहां करीब 2000 लोग इस दौरान रुके हुए हैं, जिनमें उत्तराखंड के लोग भी हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की तरफ से यहां रुके हुए भारतीयों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की गई हैं। रोमानिया बॉर्डर के कैंप में खाने-पीने, रहने और कम्युनिकेशन के सारी सुविधाएं दी गई है। उन्होंने बताया कि हालांकि इस दौरान यहां मौसम ठंडा होने कारण नागरिकों को थोड़ा दिक्कतें भी हो रही हैं। नरेश ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ कीव शहर में रह रहे थे, जहां स्थिति बड़ी चिंताजनक है, लगातार रूस द्वारा बमबारी की जा रही है। लोगों को यहां रहने के लिए काफी दिक्कतों का सामना पड़ा उन्होंने कहा कि कुछ दिनों तक होटल की बेसमेंट में ही रहने के बाद उन्होंने कीव शहर से बाहर निकलने की हिम्मत की और किसी तरह रोमानिया बॉर्डर तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से कैम्प में बिस्तर,कम्बल, गर्म कपड़े, फ्री वाही फाही और मेडिकल की सुविधा दी गई है। नरेश ने कहा कि रोमानिया में मौसम प्रतिकूल है, यंहा ठंड ज्यादा है, इसलिए फ्लाइट संचालन में दिक्कतें है, लेकिन एक दो दिन बाद उनकी वतन वापसी की संभावना है।
छात्रों का स्वदेश लौटने का क्रम जारी, उत्तराखंड के 32 छात्र-छत्राओं की हो चुकी वापसी।
देहरादून। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को आपरेशन गंगा के तहत भारत लाया जा रहा है। बीती रात भारत आइ फ्लाइट में उत्तराखंड के चार छात्र भी आए। इसमें देहरादून की ईशा रावत, हरिद्वार के मोहम्मद अनश, नैनीताल की शैली त्रिपाठी और पिथौरागढ़ की तनुश्री पांडेय शमिल हैं। बता दें कि अब तक कुल 32 उत्तराखंड के छात्र अपने घर लौट चुके हैं।सरकार के प्रयासों से यूक्रेन से मंगलवार देर रात्रि यूक्रेन से चार छात्र दिल्ली एयरपोर्ट के जरिए देश लौटे। उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पर रिसीव किया। इसके अलावा में कुछ छात्र मुंबई एयरपोर्ट के जरिए भी भारत लौटे हैं। मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ विशेष मीटिंग कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात विदेश से लौटे सभी छात्रों से बात भी की। वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सभी छात्रों को सकुशल घर पहुंचाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री लगातार उत्तराखंड के सभी छात्रों की सकुशल भारत वापसी के लिए केंद्र सरकार से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। अब तमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूक्रेन में फंसे उत्तराखंडवासियों को वापस लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। वह निरंतर केंद्र सरकार के संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को कुमाऊं मंडल की दो दिवसीय यात्रा के बाद दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने स्थानिक आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों के साथ यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के विद्यार्थियों के संबंध में जानकारी ली और उन्हें वापस लाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की। इसके बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड वासियों को वापस लाने के लिए सरकार निरंतर केंद्र सरकार के संपर्क में है। केंद्र व राज्य सरकार यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।क दिल्ली व मुंबई एयरपोर्ट के माध्यम से यूक्रेन से उत्तराखंड के 32 छात्र लौट चुके हैं। बुधवार को भी विभिन्न फ्लाईट से छात्रों के भी स्वदेश वापसी का क्रम बना हुआ है।
यूक्रेन में फंसे छात्रों की वापसी का क्रम जारी। उत्तराखंड के सात छात्र-छात्राओं की वतन वापसी हुई।
देहरादून। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं का स्वदेश लौटने का सिलसिला जारी है। इसमें अधिकांश यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र छात्राएं हैं। जिसमें उत्तराखंड के रहने वाले भी कई युवक-युवतियां हैं। उत्तराखंड के सात छात्र-छात्राएं सोमवार को सकुशल स्वदेश लौटी हैं। जो छात्र यूक्रेन से वापस लौटे हैं उनके नाम तमन्ना त्यागी, प्रेरणा बिष्ट, शिवानी जोशी, लिपाक्षी, अताउल्लाह मलिक, मोहम्मद मुकराम और उर्वशी जंटवाल बताए जा रहे है।
यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को भारत सरकार रोमानिया के रास्ते से निकाल रही है। बीते दिन उत्तराखंड शासन ने अपने नागरिकों की सूची विदेश मंत्रालय को भेजी थी। उत्तराखंड सरकार लगातार भारत सरकार और विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं। वहीं सोमवार को उत्तराखंड के सात छात्र सकुशल भारत लौटे हैं। वहीं सात छात्र-छात्राओं का स्वागत अपर रेजिडेंट कमिश्नर अजय मिश्रा और उनकी टीम ने किया। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने यूक्रेन के हालातों को बयां किया। रविवार को भी यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रही उत्तराखंड की 4 छात्राएं दिल्ली से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंची थीं।
यूक्रेन से नई टिहरी अपने घर पंहुची छात्रा अदिति कंडारी, परिवार में खुशी का माहौल, भारत सरकार का जताया आभार।
टिहरी। यूक्रेन में एमबीबीएस की छात्रा अदिति जंग के हालातों से निकलकर नई टिहरी अपने घर वापस पंहुच गई है। छात्रा के अपने घर पंहुचने पर परिजनों ने खुशी जताई है। अदिति के पंहुचने के बाद टिहरी के 14 अन्य लोगों के परिजन भी वापसी की उम्मीदें लगाए हुए हैं। अदिति वाया रोमानिया दिल्ली पंहुंचीं है। छात्रा अदिति ने अपनी वापसी पर भारत सरकार का आभार जताया है। अदिति यूक्रेन के चेरनिवसी शहर में रह रही थी, जंहा वह मेडिकल की सेकेंड ईयर की छात्रा है। रूस और यूक्रेन में जंग होने के बाद से परिजन काफी डरे हुए थे, हालांकि फोन पर परिजनों की बाते लगातार हो रही थी। अदिति कहती हैं कि रोमानिया बॉर्डर तक पंहुचने के लिए उन्हें 8 कीलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा। अदिति ने कहा कि यूक्रेन के अन्य शहरों के हालात काफी खराब हैं। छात्र और बाकी अन्य लोग काफी तादात में बार्डर की तरफ आ रहे है। छात्रा अदिति ने कहा कि आज की फ्लाइट में 240 लोग थे, जिनमे उत्तराखंड की 3 छात्रायें भी शामिल थी। नई टिहरी अपने घर पंहुचने पर सुकून जाहिर किया। अदिति की माता राजेश्वरी देवी और पिता दरमियान सिंह कंडारी ने खुशी जाहिर करते हुए भारत सरकार का आभार जताया और अन्य लोगों को भी जल्दी से जल्दी भारत वापस लाने का निवेदन किया है।
यूक्रेन में टिहरी के छात्र पारस और अदिति के परिजन भी चिंतित, भारत सरकार से की वतन वापस लाने की मांग।
टिहरी – टिहरी जिले के 5 छात्र भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इन छात्रों के परिजनों में चिंता व्याप्त है और भारत सरकार से अपने बच्चों को सकुशल वापस लाने की मांग कर रहे हैं। नई टिहरी के पारस रौतेला के यूक्रेन के कीव में फंसने से परिजन बेहद चिंतित हैं। पारस के पिता मान सिंह रौतेला ने अपने बेटे की सलामती की दुआ ईश्वर से करते हुए भारत सरकार से अपने बेटे की वापसी की गुहार लगाई है। परिजनों के मुताबिक पारस रौतेला वर्ष 2021 से यूक्रेन की राजधानी कीव में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। पिता मान सिंह रौतेला ने कहा कि उनकी अपने बेटे से निरंतर बातचीत हो रही है, लेकिन युद्ध के खराब हालातों को देखते हुए उनके बेटे के साथ-साथ उनकी भी चिंताएं बेहद बढ़ गई हैं। वंही एक और छात्रा अदिति के परिजनों को उम्मीद है भारत सरकार उनके बच्चों को सकुशल देश वापस लाएगी। अदिति के पिता दरमियान सिंह ने कहा कि उन्होंने सरकार द्वारा जारी नम्बरों पर अदिति के सम्बंध में जानकारी दे दी है । उनकी भी अदिति से लगातार बात हो रही है। इधर जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि जिले के सभी लोगों कीं जानकारी जुटाकर यूक्रेन में फंसे लोगों को वतन वापसी के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।
यूक्रेन पर हमले से उत्तराखंड के कई छात्रों के परिजन भी चिंतित।
देहरादून। यूक्रेन पर रूस के हमला करने के ऐलान के बाद वहां फंसे उत्तराखंड के कई स्टूडेंट्स के परिजनों के माथे पर चिंता की लकीरें फूटने लगी है। यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में उत्तराखंड के कई स्टूडेंट्स एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न जनपदों के छात्र यूक्रेन में फंसे है। परिजनों के सीएम धानी से उनके बच्चे को सकुशल भारत वापस लाने की गुहार लगाई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य सरकार, विदेश मंत्रालय के संपर्क में लगाातर है ताकि यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स को भारत में जल्द से जल्द लाया जा सके।
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के चलते इंटरनेशनल फ्लाइट्स के ऑपरेशन पर भी असर पड़ा है। खबरें हैं कि कीव के हवाई अड्डे पर रूस ने धावा बोलकर कब्ज़ा कर लिया है। इस तनाव की वजह से यूक्रेन की लगभग सभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स बाधित हो चुकी हैं। एयर इंडिया और भारत से जुड़ी अन्य उड़ानें भी फिलहाल बाधित बताई जा रही हैं। इस बीच, उत्तराखंड के छात्रों के कई पैरेंट्स ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मदद की गुहार लगाई है। धामी सरकार विदेश मंत्रालय से संपर्क कर रही है। असल में यूक्रेन में जो हालात बन गए हैं, उनके चलते इंटरनेशनल उड़ानों के साथ ही ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन भी प्रभावित हुआ है। इंटरनेट सेवाएं भी वहां प्रभावित हैं, जिसके चलते यूक्रेन में फंसे हुए युवाओं के परिवार का बुरा हाल हो गया है। कई परिजनों ने मुख्यमंत्री धामी के सामने रो रोकर अपना दुख बयान किया और चिंता ज़ाहिर की. धामी ने उन्हें पूरी मदद का आश्वासन देते हुए कहा है कि चिंता न करें, भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।