टिहरी :-जिला कार्यालय में जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव की अध्यक्षता में टिहरी विशेष क्षेत्र पर्यटन विकास प्रधिकरण (टाडा) की एक महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न हुई। जिलाधिकारी ने बैठक में टाडा से संबंधित जानकारियां संबंधित अधिकारियों से ली। जिलाधिकारी ने कहा कि टिहरी झील एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन की अपार संभावनाएं है। संभावनाओं को मूर्त रूप दिए जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास जारी है। जिसके तहत झील को विश्व मानचित्र पर स्थापित करने के साथ ही पर्यटन गतिविधियों से आसपास की स्थानीय जनमानस को रोजगार से जोड़कर आर्थिकी को मजबूत करना प्राथमिकता में है। कहा कि टिहरी झील को थर्टीन डिस्ट्रिक्ट थर्टीन डेस्टिनेशन में भी शामिल किया गया। जिसके तहत टिहरी झील व आसपास के क्षेत्र में पर्यटकों को दृष्टिगत रखते हुए बुनियादी सुविधाएं स्थापित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है। जिलाधिकारी ने बैठक में तीन सदस्य समिति(पर्यटन अधिकारी, साहसिक खेल अधिकारी व जल क्रीड़ा निरीक्षक) के गठन के भी निर्देश दिए है जो कि डोभरा सहित अन्य जगहों पर बोटिंग पॉइंट तलाशने, स्थायी लाइट एंड साउंड शो की स्थापना एवं साहसिक खेल गतिविधियों सहित पर्यटकों के दृष्टिगत अन्य संभावनाओं के संबंध में एक सप्ताह के भीतर विस्तृत कार्ययोजना जिलाधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा जिलाधिकारी ने पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ाने, व्यापक प्रचार-प्रसार एवं साहसिक खेल संबंधी संभावनाओं को लेकर बोट संचालकों, आईटीबीपी सहित तमाम संबंधित संस्थओं/एजेंसियों के साथ बैठक के माध्यम से सुझाव प्राप्त करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। बैठक में उपजिलाधिकारी टिहरी एफ०आर० चौहान, जिला पर्यटन अधिकारी एस०एस० यादव, साहसिक खेल अधिकारी सोबत सिंह राणा उपस्थित थे।
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डोबरा-चांठी पुल पर लोड टेस्टिंग की गई, 14 लोड ट्रक 30-30 मीटर की दूरी पर किये खड़े,प्रतापनगर की आवाजाही के लिये बनाया गया पुल, 14 साल का इंतजार खत्म होगा
उमा पंवार
टिहरी। टिहरी बांध की झील के उपर बने 440 मीटर लम्बे डोबरा-चांठी झूला पुल पर लोड टेंस्टिंग की गई। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही इस पुल का उदघाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। कोरियन इंजीनियर की देखरेख में इस पुल पर 14 लोड ट्रकों से टेस्टिंग की गई। ट्रकों को 30-30 मीटर की दूरि पर खड़ा किया गया। प्रतापनगर क्षेत्र की आवाजाही के लिये बनाये गये इस पुल पर आवागमन के लिये लोगों को का 14 साल का लम्बा इंतजार खत्म होने वाला है। है। यह एक भारी वाहन झूला पुल होगा, जिसकी लम्बाई करीव 440 मीटर है और चैड़ाई 5.5 मीटर होगी। इसमें साढ़े 15 टन वजन तक के वाहन गुजर पायेंगे। पुल पर वजन मापने की तकनकि अपनाई जायेगी। साढ़े 15 टन से अधिक वजनी वाहन इस पुल से पार नही हो पायेगा। 5 साल तक का मैन्टीनेन्श का कार्य पुल के निर्माण करने वाली कम्पनी ही देखेगी। पुल पर ढाई अरब रूपये से अधिक का खर्च हो चुका है। पुल पर आवाजाही के बाद प्रतापनगर के लोगों के लिये 30 से 40 कीलोमीटर का अतिरिक्त दूरि कम हो जायेगी, जिससे यंहा के लोगों का समय तो बचेगा ही धन और ईधन भी बचेगा। यह पुल सिर्फ प्रतापनगर के लोगों के लिये ही नही बल्कि उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिये भी लाभदायक होगा।
टिहरी की नई डीएम ईवा ने संभाला कार्यभार
टिहरी गढ़वाल के 54 वें जिलाधिकारी के रूप में आईएएस इवा आशीष श्रीवास्तव ने कार्यभार ग्रहण किया। इससे पूर्व श्रीमती इवा ने जनपद अल्मोड़ा में भी बतौर जिलाधिकारी रही है।
आईएएस इवा अभी तक सामान्य प्रशासन, मुख्यमंत्री, पेयजल अपर सचिव की जिम्मेदारी संभाल रही थी। इसके साथ ही उनके पास गढ़वाल मंडल विकास निगम और संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी था। हिमाचल कैडर की 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं इवा आशीष श्रीवास्तव ने प्रारंभिक नौकरी हिमाचल से ही शुरू की थी। 2013 में उत्तराखंड आने के बाद 2015 तक वह ऊधमसिंहनगर में SDM और बाद में CDO के पद पर तैनात रही, साल 2015 में पंतनगर यूनिवर्सिटी में निदेशक प्रशासन तैनात रही, 2017 में अल्मोड़ा की डीएम बनी उसके बाद 2019 में उन्हें गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) में एमडी एवं अपर सचिव की जिम्मेदारी मिली।
जिसने भी लिखा ठीक लिखा, इनको करोड़ों क्यों दिये जाते हैं, देश के राष्टपति , वैज्ञाानिकों को कम और इनको करोड़ों, बात कुछ हजम नही होती
एक बात मेरी समझ में कभी नहीं आई कि
ये फिल्म अभिनेता (या अभिनेत्री) ऐसा क्या करते हैं कि इनको एक फिल्म के लिए 50 करोड़
या 100 करोड़ रुपये मिलते हैं?
सुशांत सिंह की मृत्यु के बाद यह चर्चा चली थी कि
जब वह इंजीनियरिंग का टॉपर था तो फिर उसने फिल्म का क्षेत्र क्यों चुना?
जिस देश में शीर्षस्थ वैज्ञानिकों , डाक्टरों , इंजीनियरों , प्राध्यापकों , अधिकारियों इत्यादि को प्रतिवर्ष 10 लाख से 20 लाख रुपये मिलता हो,
जिस देश के राष्ट्रपति की कमाई प्रतिवर्ष
1 करोड़ से कम ही हो-
उस देश में एक फिल्म अभिनेता प्रतिवर्ष
10 करोड़ से 100 करोड़ रुपए तक कमा लेता है। आखिर ऐसा क्या करता है वह?
देश के विकास में क्या योगदान है इन भड़वों का? आखिर वह ऐसा क्या करता है कि वह मात्र एक वर्ष में इतना कमा लेता है जितना देश के शीर्षस्थ वैज्ञानिक को शायद 100 वर्ष लग जाएं?
आज जिन तीन क्षेत्रों ने देश की नई पीढ़ी को मोह रखा है, वह है – सिनेमा , क्रिकेट और राजनीति।
इन तीनों क्षेत्रों से सम्बन्धित लोगों की कमाई और प्रतिष्ठा सभी सीमाओं के पार है।
यही तीनों क्षेत्र आधुनिक युवाओं के आदर्श हैं,
जबकि वर्तमान में इनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगे हैं। स्मरणीय है कि विश्वसनीयता के अभाव में चीजें प्रासंगिक नहीं रहतीं और जब चीजें
महँगी हों, अविश्वसनीय हों, अप्रासंगिक हों –
तो वह देश और समाज के लिए व्यर्थ ही है,
कई बार तो आत्मघाती भी।
सोंचिए कि यदि सुशांत या ऐसे कोई अन्य
युवक या युवती आज इन क्षेत्रों की ओर आकर्षित होते हैं तो क्या यह बिल्कुल अस्वाभाविक है?
मेरे विचार से तो नहीं।
कोई भी सामान्य व्यक्ति धन , लोकप्रियता और चकाचौंध से प्रभावित हो ही जाता है ।
बॉलीवुड में ड्रग्स या वेश्यावृत्ति,
क्रिकेट में मैच फिक्सिंग,
राजनीति में गुंडागर्दी –
इन सबके पीछे मुख्य कारक धन ही है
और यह धन उन तक हम ही पहुँचाते हैं।
हम ही अपना धन फूँककर अपनी हानि कर रहे हैं। मूर्खता की पराकाष्ठा है यह।
*70-80 वर्ष पहले तक प्रसिद्ध अभिनेताओं को
सामान्य वेतन मिला करता था।
*30-40 वर्ष पहले तक क्रिकेटरों की कमाई भी
कोई खास नहीं थी।
*30-40 वर्ष पहले तक राजनीति भी इतनी पंकिल नहीं थी। धीरे-धीरे ये हमें लूटने लगे
और हम शौक से खुशी-खुशी लुटते रहे।
हम इन माफियाओं के चंगुल में फँस कर हम
अपने बच्चों का, अपने देश का भविष्य को
बर्बाद करते रहे।
50 वर्ष पहले तक फिल्में इतनी अश्लील और फूहड़ नहीं बनती थीं। क्रिकेटर और नेता इतने अहंकारी नहीं थे – आज तो ये हमारे भगवान बने बैठे हैं।
अब आवश्यकता है इनको सिर पर से उठाकर पटक देने की – ताकि इन्हें अपनी हैसियत पता चल सके।
एक बार वियतनाम के राष्ट्रपति
हो-ची-मिन्ह भारत आए थे।
भारतीय मंत्रियों के साथ हुई मीटिंग में उन्होंने पूछा –
” आपलोग क्या करते हैं ?”
इनलोगों ने कहा – ” हमलोग राजनीति करते हैं ।”
वे समझ नहीं सके इस उत्तर को।
उन्होंने दुबारा पूछा-
“मेरा मतलब, आपका पेशा क्या है?”
इनलोगों ने कहा – “राजनीति ही हमारा पेशा है।”
हो-ची मिन्ह तनिक झुंझलाए, बोला –
“शायद आपलोग मेरा मतलब नहीं समझ रहे।
राजनीति तो मैं भी करता हूँ ;
लेकिन पेशे से मैं किसान हूँ ,
खेती करता हूँ।
खेती से मेरी आजीविका चलती है।
सुबह-शाम मैं अपने खेतों में काम करता हूँ।
दिन में राष्ट्रपति के रूप में देश के लिए
अपना दायित्व निभाता हूँ ।”
भारतीय प्रतिनिधिमंडल निरुत्तर हो गया
कोई जबाब नहीं था उनके पास।
जब हो-ची-मिन्ह ने दुबारा वही वही बातें पूछी तो प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने झेंपते हुए कहा – “राजनीति करना ही हम सबों का पेशा है।”
स्पष्ट है कि भारतीय नेताओं के पास इसका कोई उत्तर ही न था। बाद में एक सर्वेक्षण से पता चला कि भारत में 6 लाख से अधिक लोगों की आजीविका राजनीति से चलती थी। आज यह संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी है।
कुछ महीनों पहले ही जब कोरोना से यूरोप तबाह हो रहा था , डाक्टरों को लगातार कई महीनों से थोड़ा भी अवकाश नहीं मिल रहा था ,
तब पुर्तगाल की एक डॉक्टरनी ने खीजकर कहा था –
“रोनाल्डो के पास जाओ न ,
जिसे तुम करोड़ों डॉलर देते हो।
मैं तो कुछ हजार डॉलर ही पाती हूँ।”
मेरा दृढ़ विचार है कि जिस देश में युवा छात्रों के आदर्श वैज्ञानिक , शोधार्थी , शिक्षाशास्त्री आदि न होकर अभिनेता, राजनेता और खिलाड़ी होंगे , उनकी स्वयं की आर्थिक उन्नति भले ही हो जाए ,
देश की उन्नत्ति कभी नहीं होगी। सामाजिक, बौद्धिक, सांस्कृतिक, रणनीतिक रूप से देश पिछड़ा ही रहेगा हमेशा। ऐसे देश की एकता और अखंडता हमेशा खतरे में रहेगी।
जिस देश में अनावश्यक और अप्रासंगिक क्षेत्र का वर्चस्व बढ़ता रहेगा, वह देश दिन-प्रतिदिन कमजोर होता जाएगा।
देश में भ्रष्टाचारी व देशद्रोहियों की संख्या बढ़ती रहेगी, ईमानदार लोग हाशिये पर चले जाएँगे व राष्ट्रवादी लोग कठिन जीवन जीने को विवश होंगे।
सभी क्षेत्रों में कुछ अच्छे व्यक्ति भी होते हैं।
उनका व्यक्तित्व मेरे लिए हमेशा सम्माननीय रहेगा ।
आवश्यकता है हम प्रतिभाशाली,ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, समाजसेवी, जुझारू, देशभक्त, राष्ट्रवादी, वीर लोगों को अपना आदर्श बनाएं।
नाचने-गानेवाले, ड्रगिस्ट, लम्पट, गुंडे-मवाली, भाई-भतीजा-जातिवाद और दुष्ट देशद्रोहियों को जलील करने और सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक रूप से बॉयकॉट करने की प्रवृत्ति विकसित करनी होगी हमें।
यदि हम ऐसा कर सकें तो ठीक, अन्यथा देश की अधोगति भी तय है
एक दिन मे 136 केस मिलने से सारे रिकॉर्ड टूटे 136 संक्रमित मिलने से दहशत 2030 हुई संख्या। सतर्क रहें सुरक्षित रहें।
टिहरी जिले में कोरोना के एक दिन मे 136 केस मिलने से सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं टिहरी जिले में कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है संक्रमित मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आज 4:00 बजे स्वास्थ्य बुलेटिन की जानकारी के अनुसार जिले में अभी तक 136 नए मरीजो में कोरोना की पुष्टि हुई है और कुल आंकड़ा 2030 पहुंच गया है जिसके बाद अब टिहरी जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 2030 पहुंच गई है
टिहरी में आज 136
नए कोरोना पॉजिटिव केस की पुष्टि हुई है अब टिहरी में संक्रमितों की संख्या 2030 हो गई है जिले में एक्टिव केस 513 हैं सुकून यह कि 1515 स्वस्थ होकर घर भी लौटे चुके है वर्तमान तक 41723 लोगों की सैंपलिंग ली गई है जिनमें से 31917 की रिपोर्ट नेगेटिव मिली है 2695 लोगों के रिपोर्ट आनी बाकी है जबकि 77 लोग संस्थागत और 310 लोग होम क्वारंटाइन मे हैं जिले मे कंटेन्मेंट जोन के संख्या 17 है
पोषण माह के तहत एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन, कुलपति और सीडीओ रहे मौजूद
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड वानिकी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय पोषण माह के तहत एक गोष्ठी का आयोजन किया। टिहरी के रानीचैंरी स्थित वानिकी महाविद्यालय परिसर के कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित इस गोष्ठी में महिलाओं और बच्चों के बेहतर पोषण पर जौर दिया गया। गोष्ठी में पोषण के पांच सूत्रों सुनहरे हजार दिन, ऐनीमियां, डायरिया, स्वच्छता और पोष्टिक आहार के बारे चर्चा की गई। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए के कर्नाटका और सीडीओ टिहरी सहित आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां मौजूद रही। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये कुलपति ने कहा कि सही पोषण न मिल पाने के कारण महिलायंे और बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। उन्होने कहा कि लोगों की जीवन शैली में बदलाव का असर भोजन पर पड़ रहा है और कई लोग बिना पोषक तत्वों के भोजन की आदत डाल चुके है, जिसका असर सीधे तौर पर उनके शरीर पर पड़ रहा है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय पोषक तत्वों से भरपूर भोजन पर विभिन्न शोध कर रहा है। उन्होने कहा कि पर्वतीय इलाकों में पोषक तत्वों से भरपूर भोजन उत्तपादित होता है, जिसमें मंडुआ, झंगोरा और रामदाना सहित कई प्रकार की फसलें हैं। विश्वविद्यालय पर्वतीय फसलों से बनाये जाने वाले उत्तपादों पर जौर दे रहा है। इस मौके पर सीडों टिहरी अभिषेक रूहेला ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और बाल विकास विभाग की मदद से ग्रामीण और शहरी इलाकों में सही पोषण से सम्बन्धित जानकारी और सामग्री उपलब्ध कराई रही है, जिससे कुपोषण की समस्या से बचा जा सके।
टिहरी में 06 नए कोरोना पॉजिटिव 1827 पहुंची संख्या
टिहरी जिले में कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है संक्रमित मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आज 4:00 बजे स्वास्थ्य बुलेटिन की जानकारी के अनुसार जिले में अभी तक 06नए मरीजो में कोरोना की पुष्टि हुई है और कुल आंकड़ा 1827 पहुंच गया है जिसके बाद अब टिहरी जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 1827 पहुंच गई है
टिहरी में आज 06
नए कोरोना पॉजिटिव केस की पुष्टि हुई है अब टिहरी में संक्रमितों की संख्या 1827 हो गई है जिले में एक्टिव केस 394 हैं सुकून यह कि 1431 स्वस्थ होकर घर भी लौटे चुके है वर्तमान तक 39875 लोगों की सैंपलिंग ली गई है जिनमें से 29889 की रिपोर्ट नेगेटिव मिली है 2981 लोगों के रिपोर्ट आनी बाकी है जबकि 76 लोग संस्थागत और 466 लोग होम क्वारंटाइन मे हैं जिले मे कंटेन्मेंट जोन के संख्या 25 है
कोरोना के चलते नई टिहरी बाजार आज बंद
टिहरी. जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल जी ने जिला मुख्यालय स्थित चार कंटेन्मेंट जोन ढुंगीधर पुलिस चौकी के पास, बौराड़ी स्टेडियम के दक्षिण दिशा व पूरब दिशा में बने कंटेन्मेंट जोन, सेक्टर 9 ई व पोस्ट आफिस कालोनी का निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने जिला मुख्यालय के मुख्य बाजारों नई टिहरी व बौराड़ी आज पूर्णतः बंद करते हुए इस दौरान बाजार को लगातार सैनिटाइज करने के निर्देश दिए हैं.