उत्तराखंड मूल की वर्तमान में गाजियाबाद में रह रही प्रसिद्ध लेखिका ,कवियत्री रामेश्वरी “नादान” को यूथ वर्ल्ड सोशल मंच और डी के एस एस डी लाडली नूर कपूर फाउंडेशन, दिल्ली कला, साहित्य, शिक्षा, चिकित्सा सहित विभिन्न क्षेत्रों की 101 विशिष्ट प्रतिभाओं को भारतीय गौरव अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है। 27 अक्टूबर 2021 को होगा समारोह।
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उत्तराखंडी फीचर फिल्म “पहाड़ी रत्न”के रूप में दोहराया जाएगा श्रीदेव सुमन का इतिहास।
बॉलीवुड की तर्ज पर अब उत्तराखंड की महान विभूतियों की जीवनी को पर्दे पर दर्शाने का प्रयास शुरू हो गया है, इसी कड़ी में निर्माता विक्रम नेगी “पहाड़ी” ने टिहरी जनक्रांति के नायक श्रीदेव सुमन की जीवनी पर *पहाड़ी रत्न*शीर्षक से फ़िल्म बनाने का निर्णय लिया है जिसका निर्माण भी शुरू हो चुका है। फ़िल्म की पटकथा घरजवें जैसी सुपरहिट फिल्म के लेखक देवी प्रसाद सेमवाल ने लिखी है तथा निर्देशक बृज रावत, संगीत निर्देशक श्रवण भारद्वाज व पदम् गुसाईं जो कि सह निर्देशक भी हैं।गीतकार श्रवण भारद्वाज व बृजमोहन शर्मा के गानों को आवाज दे रही हैं पद्मश्री मालिनी अवस्थी, अनुराधा निराला, धनराज शौर्य, सतीश मधुर, आकाश भारद्वाज व सीमा पंगरियाल ने। फ़िल्म पहाड़ी रत्न की मुख्य भूमिका निभा रहे हैं अनुज कंडारी, रीना नेगी, राजेश मालगुडी, शिवानी भंडारी, पदमेंद्र रावत व पदम् गुसाईं। टिहरी में पत्रकार वार्ता के दौरान निर्माता विक्रम नेगी पहाड़ी ने बताया कि फ़िल्म की शूटिंग श्रीदेव सुमन के पैतृक गाँव जौल के अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून व सिलोगी गाँव मे की जाएगी।
लेखन में बेहतर योगदान दे रहे हैं युवा कवि सूरज नौटियाल।
सूरज नौटियाल का जन्म 8 जून 1995 को हुआ था। उन्होंने ऋषिकेश उत्तराखंड में योग विषय में डिप्लोमा पास किया था। हाल ही में उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षण प्रदर्शन और उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं। उत्कृष्ट काम के अलावा, सूरज नौटियाल भी एक लेखक हैं, उन्होंने उत्तराखंड में अपने क्लासिक के लिए सही मानव पुरस्कार प्राप्त किए, सूरज नौटियाल 1 अद्वितीय और अद्भुत कविता ष्ष् स्व्ैज् व्थ् ळप्त्स् ष्के फिल्म सामग्री लेखन खंड में नामांकित हैं। सूरज नौटियाल ने 4 क्लासिस किताबें लिखीं 1. योग कवि (कविता पुस्तक) 2. जिंदगी माई तेरा ज़िकर (लघु कहानी पुस्तक) 3. मेरी माँ की कामना (कहानी की किताब) 4. लड़की की खोई (कविता की किताब)।
( प्रयास)
कवियों करो प्रयास ये जग सारा तुम्हारा है ‘
ये सितारों से भरा आसमा तुम्हारा है
मंजिलो का वो हर रास्ता अब तुम्हारा है
ये इतिहास विश्व का अब तुम्हारा है
कवियों करो प्रयास ये जग सारा तुम्हारा है
डर मत जाना समंदर कि इन गहराइयों से
बह रही इसमें अब वो धारा तुम्हारा है
कवियों करो प्रयाश ये जग सारा तुम्हारा है
हो ये पुष्प भले सारे बागो के मालिक के
पर इसमें बसा वो इत्र तुम्हारा है
कवियों करो प्रयास ये जग सारा तुम्हारा है
रुक मत जाना देख इन शिखर कि ऊँचाइयों से
मगर भूल मत जाना तुम ये अब
खड़ा है जिसमे ये सिखर बड़ा
बह धरा तुम्हारा है
कवियों करो प्रयास ये जग सारा तुम्हारा है
स्मृतिशेष – जुवांठा जी का हृदय परिवर्तन।
२८ जनवरी १९७९ को दिल्ली वोट क्लब पर हुई उत्तराखण्ड रैली के आयोजकों में उत्तरकाशी के विधायक बरफिया लाल जुवांठा भी शामिल थे। तब वह जनता पार्टी के विधायक थे।
१९८९ के चुनाव में वह जनता दल के टिकट पर फिर विधायक चुने गए और मुलायम सिंह यादव सरकार में पर्वतीय विकास मंत्री बने।
उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष एवं डीडीहाट (पिथोरागढ़) के विधायक काशी सिंह ऐरी ने उत्तराखण्ड राज्य की मांग को लेकर २२ जुलाई १९९० को बैठक बुलाई थी।
जुंवाठा जी का उक्रांद नेता को पत्रोतर-
” मैं आपको पूर्ण आश्वासन दिलाता हूं कि जनता दल सरकार में मेरे पर्वतीय विकास मंत्री पद पर रहते हुए मैं पर्वतीय क्षेत्र की समस्त समस्याओं के निराकरण हेतु व्यवहारिक योजनाएं बनवा रहा हूं जिनके आधार पर पर्वतीय क्षेत्र की सभी समस्याओं का अतिशीघ्र निराकरण हो जाएगा।
अतः मैं उत्तराखण्ड की मांग का कोई औचित्य नहीं समझता हूं। इस कारण उक्त बैठक में मेरे सम्मिलित होने का प्रश्न नहीं उठता।”
हृदय परिवर्तन !
स्मृतिशेष- बडोनी जी के एटम बम………
-विक्रम बिष्ट-
७-८ अगस्त की रात पौड़ी में इन्द्रमणि बडोनी सहित अनशनकारियों को गिरफ्तार कर पुलिस मेरठ ले गई थी। बाद में बडोनी जी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया।
टिहरी से हम लोग- विक्रम नेगी, लोकेन्द्र जोशी, सुरेन्द्र रावत, अनिल अग्रवाल और टीकम चौहान- आंदोलनकारियों को मिलने गए थे। मेरठ मेडिकल कॉलेज में बिशनपाल सिंह परमार और उनके साथियों ने बताया कि पुलिस ने किस तरह बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की थी। मेरठ लाकर उन्हें फर्श पर फेंक कर छोड़ दिया था। उस दौरान मेरठ में तैनात टिहरी के धारमंडल निवासी एक पुलिस इंस्पेक्टर ने आकर उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया।
दूसरी सुबह हम एम्स में बडोनी जी से मिले। वहां ज्यादा देर और संख्या में मिलने की अनुमति नहीं होती, इसलिए बडोनी जी के साथ हम नीचे प्रांगण में आ गये।
थोड़ी देर बाद और लोग भी मिलने आए। किशोर उपाध्याय और खिलासिंह रावत को जानता था। पूर्व डीआईजी मातबर सिंह राणा का नाम सुना था। बातों-२ में बडोनी जी ने कहा लोग कहते हैं कि उत्तराखण्ड कैसे बनेगा। हम सभी का नाम लेते हुए बोले ये हैं पांच-छह हैं, लेकिन एटम बम हैं, ये बनाएंगे उत्तराखण्ड।
फिर कहा कि लोग पूछते हैं कि उत्तराखण्ड बन भी गया तो चलाएगा कौन? ये कैसे हैं डीआईजी साब, किशोर उपाध्याय,, ये चलाएंगे।
शायद उनको उत्तराखण्ड के भविष्य का आभास हो गया था!
विश्नोई ने संभाला टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का कार्यभार।
ऋषिकेश-06.08.2021: श्री आर. के. विश्नोई ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया| उल्लेखनीय है कि श्री विश्नोई इससे पहले 01.09.2019 से निदेशक (तकनीकी) की जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे थे। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का कार्यभार संभालने के उपरांत श्री विश्नोई ने की मैनेजमेंट पर्सनल (केएमपी) और परियोजनाओं/विभागों के प्रमुखों के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्होंने रेखांकित किया कि उनकी पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता निगम को समकालीन विद्युत परिदृश्य में और अधिक प्रासंगिक व प्रभावी बनाने के साथ-साथ इन-हाउस इनोवेटिव इंटरवेंशन को बढ़ावा देना भी होगा। श्री आर.के. विश्नोई के पास जल विद्युत परियोजना के डिजाइन, इंजीनियरिंग और निर्माण में 34वर्षों से अधिक का बहुमूल्य अनुभव है। श्री विश्नोई वर्ष 1989 में इंजीनियर के पद पर टीएचडीसीआईएल से जुड़े और निगम में विभिन्न क्षमताओं में रहकर अपना योगदान देते रहे| वर्ष 2013 में वे महाप्रबंधक के पद तक पहुंचे और उसके बाद वर्ष 2016 में कार्यपालक निदेशक के रूप में पदोन्नत हुए। सिविल डिजाइन विभाग का नेतृत्व करने के अलावा उन्होंने कार्यपालक निदेशक, विष्णुगाड-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना (वीपीएचईपी) 444 मेगावाट का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला । श्री विश्नोई ने टिहरी, कोटेश्वर एवं विष्णुगाड-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजनाओं में अपने कार्यकाल के दौरान अनेक विशेष उपलब्धियां हासिल की |श्री विश्नोई ने बिट्स पिलानी (BITS-Pilani) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की और उसके बाद उन्होंने एमबीए की योग्यता भी प्राप्त की है |श्री विश्नोई ने कई प्रतिष्ठित एवं विश्वविख्यात संस्थानों मे जल विद्युत परियोजना के डिजाइन, इंजीनियरिंग और निर्माण से संबंधी व्याख्यान भी दिए|