महोत्सव होगा लेकिन बिना सांस्कृतिक कार्यक्रमों का। डीएम और विधायक ने किया स्थलीय निरीक्षण, चमोली त्रासदी के बाद लिया गया फैसला

टिहरी। चमोली के रैणी और तपोवन में हुई त्रासदी के बाद टिहरी झील में 16 और फरवरी को आयोजित होने वाले महोत्सव को सादगी के साथ मनाया जायेगा। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन नहीं किया जाएगा । झील महोत्सव के आयोजन की तैयारियों को लेकर टिहरी झील के पास डीएम इवा श्रीवास्तव और स्थानीय विधायक धन सिंह नेगी पंहंचे। डीएम टिहरी ने कहा कि महोत्सव के आयोजन के माध्यम से देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करना है ताकि क्षेत्र में पर्यटन गतिविधयों से स्थानीय स्तर पर लोगो को रोजगार उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिकी में सुधार लाया जा सके। उन्होंने कहा कि आने वाले पर्यटकों के लिये मॉडल होम स्टे विलेज तिवाड़ गांव में ठहरने की व्यवस्था की है। इसके अलावा 40 स्थानीय युवाओं को टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इस दौरान साहसिक खेलों के अन्तर्गत पैराजम्पिंग, एमटीबी बाइक रेस, पैराग्लाइडिंग इत्यादि साहसिक गतिविधियों को लेकर आर्मी की अधिकारियों से चर्चा की। महोत्सव के मुख्य आकर्षण के रूप में बन रहे पहाड़ी गांव (छानी) भी मुख्य आकर्षण होंगे। महोत्सव में आने वाले पर्यटकों को यहाँ की खूबसूरत संस्कृति, वेशभूषा, रहन-सहन, व्यंजन, जीवन यापन का तरीका इत्यादि को भी दिखाना है।

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मुर्गीफार्म में घुसा गुलदार, वन विभाग ने किया कैद, बालगंगा रैंज के खोला गांव की घटना।

टिहरी। टिहरी की बालगंगा रैंज के खोला गांव में उस वक्त हड़कम्प मच गया जब एक गुलदार गांव में बने पोल्ट्री फार्म में घुस गया। सुवह तड़के जब फार्म संचालक मुर्गी फार्म में गया तब वह हेरत में पड़ गया जब उसने गुलदार की दहाड़ सुनी। फार्म संचालक ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। दिन होते होते गांव के काफी लोग मुर्गी फार्म में पास जमा हो गये। वन विभाग की टीम नई टिहरी से गुलदार को रैस्क्यू करने के लिये गांव पंहुची। काफी मशक्कत के बाद गुलदार को कैद कर दिया गया। फार्म में करीब 400 मुर्गियां थी । फार्म संचालक का कहना है कि सम्भवत गुरूवार रात को ही मुर्गी फार्म में गुस गया था, लेकिन उन्हे सुवह के समय ही मालूम चल पाया, जिसकी सूचना उन्होने तुरंत वन विभाग को दे दी थी।

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झील महोत्सव के आयोजन पर जताया ऐतराज, उजपा और कांग्रेस ने कहा एक तरफ आपदा और दूसरी तरफ मेले कराना ठीक नही।

टिहरी। 16 और 17 फरवरी का आयोजित होने वाले टिहरी झील महोत्सव की तैयारियां जंहा जौरों पर हैं, वंही इसका विरोध होना भी शुरू हो गया है। पूर्व पर्यटन मंत्री और जन एकता पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष दिनेश धनै ने इस झील महोत्सव का इस समय कराने का विरोध किया है। उन्होने कहा कि चमोली में इस दौरान आपदा आई हुई है और इस आपदा में कई लोग भी लापता हैं। टिहरी जिले के युवा भी इसमें शामिल हैं। धनै ने कहा कि एक तरफ चमोली जिले में रैस्क्यू कार्य किया जा रहा है और दूसरी तरफ टिहरी में मेले की तैयारियां की जा रही है, जो उचित नही है। उन्होने कहा कि सरकार को इस मेले पर होने वाले व्यय को आपदा राहत में देना चाहिये और फिलहाल इस महोत्सव को स्थगित कर देना चाहिये। दूसरी तरफ कंाग्रेस पार्टी ने भी मेले के आयोजन पर ऐतराज जताया है। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि जब पड़ोसी जिले में भीषण आपदा हो तो सरकार को राहत कार्यो में समय देना चाहिये। उन्होने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियों होनी चाहिये, लेकिन आपदा के समय में इस प्रकार के आयोजनों से सरकार को बचना चाहिये।

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दुग्ध संघ टिहरी को राहत की उम्मीद। काश्तकारों, कर्मचारियों और ट्रांसपोर्ट का करोड़ों का बकाया, 76 लाख की धनराशि का शासनादेश जारी।

टिहरी। पिछले कई सालों से करोड़ों के घाटे में चल रहे टिहरी गढ़वाल गढ़वाल दुग्ध संघ को राहत मिले की उम्मीद है। सरकार ने काश्तकारों का पिछला भुगतान करने के लिये 76 लाख जारी करने का शासनादेश किया है। उम्मीद है कि सालों से बकाया भुगतान काश्तकारों को मिलेगा। दरअसल टिहरी गढ़वाल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ करीव 3 करोड़ रूप्ये के घाटे में है। यंहा 1 करोड़ से अधिक काश्तकारों का बकाया है, वंही टांसपोर्ट को भी लाखों रूप्ये बकाया चल रहा है। इस संघ की आंचल डेरी में काम करने वाले कर्मचारियों को पिछले 40 महीने का वेतन भुगतान का अभी तक बाकी है, जिस कारण कर्मचारी भी वेतन न मिल पाने के कारण परेशान हैं। वंही काश्तकारों का दूध का पैसा न मिल पाने के कारण संघ को काश्तकारों ने दूध देना बन्द किया हुआ है। मौजूदा समय में यंहा करीव 200 लीटर दूध संघ को मिल पा रहा है। संघ के अध्यक्ष ने जल्दी की सरकार से धन उपलब्ध होने की उम्मीद जताई है।

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टिहरी झील महोत्सव के फाइनल डासिंग प्रतियोगिता के लिए 10 प्रतिभागीयों का हुआ चयन।

टिहरी-टिहरी झील महोत्सव 2021 में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत जनपद के प्रतिभाशाली युवाओं को विभिन्न प्रतीयोगिताओं में अवसर दिए जाने को लेकर शुक्रवार को तहसील स्तर पर डांसिंग ऑडिशन/प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जनपद की दो तहसील टिहरी व नरेंद्रनगर में आयोजित ऑडिशन में कुल 126 प्रतिभागी एकल व ग्रुप के रूप में शामिल हुए जिसमे दोनों आयोजन स्थल से 5-5 (कुल 10) उत्कृष्ट प्रतिभागियों का चयन किया गया। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में इशिता एंड ग्रुप, नीरज सजवाण, अनुष्का रावत, शिवांग एंड ग्रुप, कृतिका रावत ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ व पंचम स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार टाउन हॉल नरेंद्रनगर में आयोजित डांसिंग प्रतियोगिता/ऑडिशन में गरिमा असवाल एंड ग्रुप, आकाशपाल एंड ग्रुप, प्रमिला एंड ग्रुप, सरस्वती व कृष्णा ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ व पंचम स्थान प्राप्त किया। तहसील स्तर पर आयोजित सिंगिंग ऑडिशन में सफल प्रतिभागियों को 10 फरवरी को जिला स्तरीय ऑडिशन में प्रतिभाग करना होगा। जहां पर प्रथम तीन प्रतिभागियों के चयन टिहरी झील महोत्सव के लिए किया जाएगा।

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नगर पालिका टिहरी में शिविर का आयोजन,कई लोगों ने उठाया लाभ,ई ओ सजवाण ने कहा – आगे भी लगेंगे शिविर

नई टिहरी नगर पालिका में एक दिवसीय बहुउददेशीय शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, खाद्य आपूर्ति विभाग सहित तहसील से सम्बन्धित समस्याओं का समाधान किया गया। पालिका क्षेत्र के अन्तर्गत रहने वाले लोगों ने इस शिविर का लाभ उठाया। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजेन्द्र सिंह सजवाण ने कहा कि शिविर में समाज कल्याण विभाग से मिलने वाली पेशनों, राशन कार्ड से जुड़ी दिक्कतों, तहसील स्तरीय प्रमात्र पत्रों और स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रमाण पत्रों के समाधान के लिये शिविर का आयोजन किया गया है। उन्होने कहा कि नगर पालिका क्षेत्र में एक ही जगह पर लोगों को सुविधा मिल सके, इसलिये इस शिविर का आयोजन किया गया है। ई ओ ने कहा कि पालिका समय समय पर इस प्रकार के शिविर लगायेगी, जिससे लोगों को आसानी हो सके।

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बोट संचालकों का नही हुआ भुगतान, पुनर्वास निदेशक व जिलाधिकारी से की भुगतान करने की मांग

टिहरी। टिहरी बांध की झील में डोवरा-चांठी पुल बनने से पूर्व फेरी बोट का संचालन किया जाता था। अब ये फेरी बन्द की गई हैं और बोट संचालक अपना पिछला बकाया भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। बोट संचालकों को कहना है कि उनका पिछला भुगतान नही हो पाया, जो करीव एक करोड़ रूपये से अधिक है। दरअसल टिहरी बांध बनने के बाद से बांध प्रभावितों की आवाजाही के लिये पुनर्वास विभाग की तरफ से नाव चलाई जाती थी। इन्ही नावों से प्रभावित लोग झील के आर पार आवाजाही करते थे। इन वोटों का भुगतान टीएचडीसी द्वारा किया जाता था, लेकिन अब टीएचडीसी ने भुगतान करने से मना कर दिया है। वोट संचालकों ने टिहरी की जिलाधिकारी व पुनर्वास निदेशक इवा आशीष श्रीवास्तब से बकाया भुगतान देने की मांग की है, जिस पर डीएम ने जल्दी कार्यवाही की बात कही। डीएम ने कहा टीएचडीसी से बोट संचालकों का बकाया भुगतान देने को कहा जायेगा। बोट संचालक कुलदीप पंवार ने कहा कि भुगतान को लेकर कई बार पुनर्वास विभाग और प्रशासन से मांग की गई लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई।

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उत्तराखंड को न तो राजधानी बनाने के लिए एक कौड़ी मिली ना ग्रीन बोनस के रूप में सरकार को नई सौगात । बजट पूरी तरह निराशाजनक।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा के पटल पर वर्ष 2021 -2022 के लिए जो बजट पेश किया गया, वह देश के किसानों के लिए, बेरोजगार नौजवानों के लिए, गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पूरी तरह निराशाजनक बजट है। यह बजट उत्तराखंड के लोगों को हताश करने वाला बजट है। जब चीन भारत की जमीन पर तंबू गाड़ कर बैठ है तब इस बजट में रक्षा मद में कोई बढ़ोतरी न करना, जब देश का किसान 70 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटा हुआ है तब कृषि क्षेत्र के बजट में 6ः कटौती करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।
बजट में आम जरूरत के समान महंगे तथा सोने और चांदी को सस्ता करने का प्रावधान किया गया है। लेकिन गरीब और गृहणियों को कोई राहत नहीं दी गई है। रसोई गैस को महंगी करके, उसकी सब्सिडी में कटौती करके तथा पेट्रोल और डीजल पर सैस के रूप में टैक्स लगाकर के इस बजट के माध्यम से गरीबों को महंगाई की मार से जूझने के लिए छोड़ दिया गया है।बजट में आयकर के स्लैब में कोई राहत नहीं देकर गरीब और मध्यम वर्ग के साथ धोखा किया गया है। इस बजट के माध्यम से देश की आजादी से लेकर अब तक कांग्रेस की सरकारों द्वारा जो सार्वजनिक संस्थान और प्रतिष्ठान खड़े किए गए थे, देश में जो ढांचागत विकास किया गया है, जैसे हवाई अड्डे, रेलवे लाइन, बंदरगाह या अन्य सार्वजनिक उपक्रम उन सब को बेचने का रास्ता खोला गया है। उनको बेचने के बाद सरकार को जो पैसा मिलेगा उसका उपयोग किस काम में किया जाएगा इसका उल्लेख बजट में नहीं है। यह देश की जनता के साथ धोखा है। इससे पहले की भारत सरकारों द्वारा रिजर्व बैंक में आपातकाल के लिए जमा की गई पूंजी और सोने को भी मोदी सरकार न बेचकर देश का खजाना खाली किया है। कोरोना काल में जब देश में सब कुछ ठप हो गया था, तब मनरेगा से ही ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों के चूल्हे जलते रहे, गरीब के बच्चे भूखे न रहें इस बात का सहारा मनरेगा योजना ने दिया। उसी गरीब परस्त मनरेगा योजना के बजट में इस बार 38500 करोड़ की कटौती की गई। यह कटौती गरीब के पेट पर चोट है। देवभूमि उत्तराखंड के लोगों को निर्मला सीतारमण बजट के पिटारे से फिर से निराशा हाथ लगी है। लोग उम्मीद कर रहे थे कि 2022 के चुनाव से पहले केंद्रीय बजट उत्तराखंड को कुछ नई सौगात देगा। उत्तराखंड की जनता इंतजार कर रही थी कि इस बार आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्र से उत्तराखंड को राजधानी निर्माण के लिए पैकेज, ग्रीन बोनस, च्डळैल् के 250 के मानक में 150 की आबादी के मानक में छूट, स्वरोजगार योजना मद में 4 गुना बढ़ोतरी, च्ड आवास योजना के मानक को बढ़ाकर 2 लाख प्रति यूनिट आदि महत्वपूर्ण फैसलों का, लेकिन ऐसा कोई एक काम भी नहीं हुआ। उत्तराखंड को न तो राजधानी बनाने के लिए एक कौड़ी मिली ना ग्रीन बोनस के रूप में सरकार को नई सौगात मिली। पहले से चल रही बड़ी सड़क परियोजनाओं के अलावा इन 4 सालों में राज्य को कुछ भी नहीं मिला। राजधानी निर्माण के लिए पैसा नहीं, कोई नई रेलवे लाईन नहीं, ग्रीन बोनस नहीं, ना कोई नया मेडिकल कॉलेज, ना कोई नया इंजीनियरिंग कॉलेज, ना कोई ऐसा बड़ा उद्योग जिससे बेरोजगार नौजवानों को रोजगार का रास्ता खुल सके। बजट में कर्मचारियों के हितों की अनदेखी की गई है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली की आस लगाए कर्मचारियों को बजट से निराश होने पड़ा है। ऐसे में कहा जा सकता है कि यह बजट गरीब और मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने वाला तथा अमीरों को और अधिक अमीर करने वाला बजट है। देश की गरीब और मध्यमवर्गीय जनता के साथ-साथ उत्तराखंड को इस बजट से निराशा और हताशा हुई है। बंगाल चुनाव को देखते हुए भारत सरकार ने अपना पूरा बजट भारत की जनता को समर्पित करने के बजाय पश्चिम बंगाल के चुनाव को समर्पित किया है। देवभूमि उत्तराखंड की जनता को भारत सरकार द्वारा केंद्रीय बजट में की गई उत्तराखंड की उपेक्षा को भूलना नहीं चाहिए और समय पर इसका सही जवाब देने के लिए अभी से मन से तैयार होना चाहिए।

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कांग्रेस ने किया केन्द्र सरकार का पुतला दहन, बजट पर जताई निराशा, जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने कहा पूंजीपतियों का बजट

टिहरी।जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी ने केंद्रीय बजट के विरोध और आंदोलनकारी किसानों के पक्ष में नई टिहरी चैराहे पर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश राणा ने कहा केंद्र सरकार ने कोविड-19 बीमारी के बाद अपना पहला बजट सदन के पटल में रखा जिसमें इस बजट से जनमानस को हताशा और निराशा हाथ लगी। उन्होने कहा कि यह बजट पूंजीपतियों का बजट है और इससे निजीकरण को और बढ़ावा मिलेगा । कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने कहा केंद्र सरकार ने गैर भाजपाई राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। जहां एक ओर भाजपा डिजिटीलाइजेशन की बात करती है वहीं मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक, सामान महंगा किया है। प्रत्येक साल दो करोड़ रोजगार देने की बात करने वाली भाजपा ने विभिन्न असंगठित क्षेत्रों से करोड़ों नौजवानों को बेरोजगार किया है। जिलाध्यक्ष राकेश राणा ने कहा कि जहां भाजपा कोरोनावायरस टीके का डंका बजा रही है वहीं वैक्सीन को मुफ्त में न लगाना सरकार की नाकामी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव विजय गुनसोला ने कहा रोजगार गारंटी में 2014 में 85 हजार करोड का बजट था उस में कटौती कर आज उसे 73 हजार करोड़ किया गया है यह भी गरीब मजदूरों के साथ अन्याय है ।
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र नौटियाल ने कहा की किसानों की आय दोगुनी करने की बात करने वाली भाजपा ने किसी भी क्षेत्र में किसानों को राहत नहीं दी कुल मिला के हम यह कह सकते हैं कि यह बजट पूंजी पतियों को बढ़ावा देने वाला बजट है।
उपरोक्त कार्यक्रम में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश राणा शहर कांग्रेस कमेटी केअध्यक्ष देवेंद्र नोडियाल प्रदेश कांग्रेस के सचिव विजय गुनसोला, चंबा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद डोभाल, महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष दर्शन रावत, अनिता रावत, प्रदेश सचिव कौशल्या पांडे, मुर्तजा बेग, पूर्व प्रधान प्रदीप भट्ट ,मस्तराम डोभाल, अनीस खान, दीपक चमोली, धनीराम नौटियाल, किशोर ,पुरुषोत्तम थलवाल, आमित चमोली, विनोद लाल ,महेश कुमार ,आदि काँग्रेसजन उपस्थित थे।

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टिहरी में झील महोत्सव की तैयारियां तेज, 16 और 17 फरवरी को होगा महोत्सव, जल, थल और वायु में होंगी साहसिक खेल गतिविधियां

टिहरी। टिहरी झील के पास कोटी कालोनी में 2 दिवसीय लेक फेस्टीवल की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 16 और 17 फरवरी को यंहा झील महोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। इस दौरान झील में बोटिंग, जेटस्की, बनाना राइडिंग, सर्फिंग,क्याकिंग, केनोइंग, स्कूबा डाइविंग के अलावा पैराग्लाइडिंग, पैरामोटर और हाॅट एयर बलून की गतिविििधयां भी होंगी। टिहरी की डीएम इवा आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि पर्यटकों के आकर्षण के लिये सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन किया जायेगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों के अलावा बालीवुड के कलाकारों को भी आमंत्रण दिया गया है। उन्होने कहा कि महोत्सव के दौरान विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होगा, जिसमें गायन, पेंटिग और फोटोग्राफी भी शामिल हैं। डीएम ने कहा कि यंहा विभिन्न प्रकार के स्टाल और प्रदर्शनियां भी लगाई जायेंगी।

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