देहरादून। उत्तराखण्ड में कारोना से मौत के मामले डराने वाले हैं। सतर्कता नही बरती तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। उत्तराखण्ड में अब तक 2021 मौतें हो चुकी हैं। राज्य में 29 हजार 949 एक्टिव मरीजों की संख्या हो गई है। आज जो आंकड़े सामने आये हैं, उनमें 24 घंटे में देहरादून 1605, हरिद्वार 1115, नैनीताल 317, पौड़ी 243, टिहरी 78, उधम सिंह नगर 332, चमोली में 184, अल्माड़ा 131 और चम्पावत में 187 केस आये हैं। हालात पर काबू न पाया गया तो मुश्किल हो सकती है। कोरोना वायरस की वजह से मौत के बढ़ते आंकड़े बता रहे हैं कि सभी को सतर्क व जागरूक होना जरूरी है।
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बार्डर पर चैक पोस्ट, आवजाही करने वालों की जा रही है जांच, राज्य से बाहर के लोगों के लिये आरटीपीसीआर नेगेटिव रिर्पाेट जरूरी।
टिहरी। बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये टिहरी जिले के सभी तरफ से होने वाली आवाजाही की जगहों पर चैक पोस्ट बनाई गई है। जिले में 12 चैक पोस्ट बनाई गई हैं, जंहा पर जांच के बाद ही आवाजाही करने दी जा रही है। राज्य से बाहरी व्यक्ति को आरटीपीसीआर नेगेटिव रिर्पोट दिखाने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। जिले के जो प्रवासी लोग प्रवेश करना चाह रहे हैं, उनकी सेम्पलिंग और थर्मल स्केनिंग की जा रही है। इसके साथ ही जिले में प्रवेश पाने वाले लोगों का डाटा इकटठा किया जा रहा है। टिहरी की जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि जरूरत के हिसाब से लोगों को होम आइसोलेट या फिर संस्थागत क्वान्टीन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि सरकार की तरफ से जारी सभी गाइडलाइनस का पालन किया जा रहा है। डीएम ने कहा कि जो भी व्यक्ति गाइडलाइन की अनदेखी करता हुआ पाया गया उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि जिले में सेम्पलिंग और टीकाकरण का कम भी तेजी से चल रहा है।
वेक्सीनेशन के लिए केंद्रों पर लम्बी कतारें, आंकड़ा 80 हजार पार, टीकाकरण केंद्रों को बढ़ाने की मांग।
टिहरी जिले में कोविड वेक्सीनेशन काम लगातार जारी है। यंहा 38 केन्द्रों पर टीकाकरण का काम चल रहा है। जिले में अब तक 80 हजार से जादा लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। टीकाकरण केन्द्रों पर लम्बी लम्बी कतारें लगी हुई हैं। 45 साल से अधिक उम्र के लोग इन केन्द्रों पर दूर दराज से पंहुच रहे हैं। इस दौरान दूरदराज से आने जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि प्रशासन को न्याय पंचायत स्तर पर टीकाकरण करने की सुविधा देनी चाहिये, जिससे लोगों को घंटों इंतजार न करना पड़े। दरअसल टीकाकरण करने दूर दराज से आये लागों को लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है, ऐसे में उन्हे अपने गांव वापस लोटने के लिये गाड़ियां नही मिल पा रही हैं। चम्बा के रेड क्रास सेन्टर में आये लोगों ने कहा कि महिलायें घर का काम निपटाने के बाद केन्द्रों पर पंहंुच रही हैं, लेकिन उनका नम्बर शाम तक नही आ पा रहा है, जिस कारण उन्हे फिर से गांव वापस जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने न्याय पंचायत स्तर पर सुविधा देने के साथ ही केन्द्रो की संख्या बढ़ाये जाने की मांग की है।इधर जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि जिले के कुछ स्वास्थ्य कर्मियों की डयूटी कुम्भ में लगी है, वापस आने पर केन्द्रो की संख्या बढ़ाई जायेगी।
पहाड़ पर कोरोना के कहर से पर्यटन व्यवसाय ठप्प, रोजगार का संकट और लोन चुकाना भी मुश्किल।
टिहरी। बढ़ती कोरोना के कहर के कारण पहाड़ों पर पर्यटन चैपट हो गया है। गर्मियों के सीजन में जंहा पर्यटक स्थल पर्यटकों से गुलजार रहते थे, वंही हर जगह सन्नाटा पसरा हुआ है। पर्यटन कारोवार से अपना रोजगार चलाने वालों के सामने भी आजीविका का संकट पैदा हो गया है। टिहरी के धनोल्टी, काणाताल, कैम्पटी, टिहरी झील सहित अनेक पर्यटक स्थल खाली पड़े हुये हैं। यंहा पर्यटन व्यवसायियों में खासी मायूसी का महौल है। एक साल पहले जंहा पर्यटन ठप्प था, वंही इस बार व्यवसायियों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन फिर कोरोना की दूसरी लहर के कारण पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह पटरी से उतर चुका है। इस बार पर्यटन से अपना रोजगार चलाने वाले लोगों ने काफी तैयारियां की हुई थी लेकिन ये तैयारियां धरी की धरी रह गई हैं। यंहा होटल, रेस्टोरैंट सूने पड़े हंै, तो एडवेंचर के शोकीनों का कंही भी नामों निशान नही है। पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि सरकार की गाइडलाइन के कारण अन्य प्रदेशों के लोग उत्तराखण्ड नही पंहुच पा रहे हैं। दरअसल दूसरे प्रदेशों से आवाजाही के लिये कारोना नेगेटिव रिर्पोट होना जरूरी है, इसलिये पर्यटक नही पंहुच पा रहे हैं। पर्यटन व्यवसायियों का कहना है कि रोजगार का संकट तो है ही , बैंकों की किश्तें चुकाना भी उनके लिये मुश्किल हो गया है।
20 कोरोना पाजीटिव लोग कोविड सेन्टर से फरार, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के इंतजामों पर सवाल, पुलिस की तलाश जारी।
टिहरी। राजकीय सुमन संयुक्त चिकित्सालय नरेन्द्रनगर में भर्ती 20 कोरोना पोजि़टिव मरीजों के भाग जाने से जहाँ जिले के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है,वहीं क्षेत्र में दहशत फैल गयी है, ये 20 कोरोना पोजि़टिव मरीज देश के विभिन्न प्रांतों से हैं,इनमें दो उत्तराखंड के भी हैं।
मरीजों के गायब होने का पता अस्पताल प्रशासन को 17 अप्रैल सायं को तब लगा जब मरीजों की देख भाल को डाक्टर वार्डों में पहुंचे,अस्पताल में 38 कोरोना पोजि़टिव मरीज भर्ती थेय38 में से कुल 18 मरीज ही अस्पताल में मौजूद थे,
20 गायब मिले तो स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गये,आनन-फानन में ही स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस को सूचना दी,
रात को स्वास्थ्य व पुलिस विभाग की टीम ने एम्बुलेंस के साथ हरिद्वार तक छान मारा ,
भगोड़े कोरोना मरीजों के मोबाइल फोन नम्बर ट्रेस किये मगर अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया, बताते चलें हे कि टिहरी जिले में नरेंद्रनगर ही एकमात्र कोविड सेंटर है,
इस घटना के बाद से अस्पताल में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि दोबारा ऐसी घटना की पुनरावृति न हो ।
धधकते जंगलों की आग पर काबू पाने के लिये एनडीआरएफ की टीम पंहुची टिहरी, वन कर्मियों के साथ आग पर नियंत्रण करने के लिये घोनाबागी में की माॅकड्रिल
टिहरी। टिहरी के धधकते जंगलों की आग पर काबू पाने के लिये 7 एनडीआरएफ भटिंडा की टीम टिहरी पंहुच चुकी है। राज्य सरकार के अनुरोध पर केन्द्र द्वारा भटिंडा से भेजी गई यह टीम वन कर्मियों के साथ जिले के विभिन्न जगहों पर जा कर वनाग्नि को बुझाने में मदद करेगी। नई टिहरी पंहुची टीम ने पहले डीएफओं टिहरी से वनाग्नि के बारे में जानकारी ली और फिर वनाग्नि को लेकर गोनावागी इलाके में माकड्रिल किया। इस माॅक ड्रिल के दौरान पूरी टीम ने वन कर्मियों के साथ आग पर काबू पाने की कोशिशें की। इस मौके पर टीम के इंस्पेक्टर राहुल प्रताप ने बताया कि जिस इलाके में भी आग लगने की सूचना होगी, वंहा पंहुच कर त्वरित वनाग्नि पर काबू पाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होने कहा कि उनके पास आग पर काबू पाने के लिये जो शंसाधन है, उनका उपयोग कर आग की घटनाओं को कम करने के प्रयास किये जायेंगे। इस मौके पर टिहरी के विधायक धन सिंह नेगी ने कहा कि राज्य सरकार जंगलों में लगने वाली आग को लेकर संवेदनशील है, इसलिये एनडीआरएफ को यंहा बुलाया गया है। इधर टिहरी जिले में हुई बारिस से वन विभाग को राहत मिल गई है।
टिहरी के खाते में एक और उपलब्धि, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और केंद्रीय खेल राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने किया वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट का उद्घाटन।
टिहरी । मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने टिहरी के कोटी कालोनी में वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा राज्य सरकार और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है। इसके मद्देनजर ही टिहरी झील क्षेत्र में वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि साहसिक खेलों के लंबे गौरवशाली इतिहास और अनुभव को देखते हुए इस संस्थान के संचालन और प्रबंधन का कार्य आईटीबीपी को सौंपने का निर्णय लिया गया है। टिहरी के कोटी कालोनी में वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट के उद्घाटन समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि यहां पैरा ग्लाइडिंग, पैरा मोटर, पैरासेलिंग बोट, स्कूबा ड्राइविंग, हाॅट एयर बैलून, क्याकिंग, केनोइंग, हाईरोप कोर्स, रॉक क्लाइंबिंग, जुमारिंग, रैपलिंग और ऑल टेरेन बाइक सहित कई साहसिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने आईटीबीपी को इस संस्थान के संचालन के लिए राज्य सरकार से जो भी सहयोग चाहिए होगा, वह प्राथमिकता से उपलब्ध करवाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी में पलायन को रोकने के लिए पर्यटन एवं साहसिक गतिविधियों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। टिहरी झील इंटरनेशनल डेस्टिनेशन के रूप में विकसित की जा रही है। उन्होंने जनता से फिटनेस को अपना मूलमंत्र बनाने और सभी को इसके लिए जागरूक करने का अपील की। इस मौके पर केंद्रीय खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वाॅटर स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर इंस्टीट्यूट के रूप में आज देश में खेल के क्षेत्र में नया अध्याय जुड़ा है। वाॅटर स्पोटर््स के क्षेत्र में हमारा देश ओलिंपिक, एशियन गेम्स, काॅमनवेल्थ आदि में विशेष उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया है। इस दिशा में केंद्र सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभावान खिलाड़ियों की कोई कमी नहीं है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने के लिए उन्हें उचित प्रशिक्षण और सुविधाएं देने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इस उदघाटन समारोह में आईटीबीपी के एडीजी मनोज रावत ने कहा कि 42 वर्ग कीलोमीटर की इस झील में विभिन्न खेल आयोजित किये जायेंगे और अतंराष्टीय स्तर के खिलाड़ी उभर कर आयेंगे। उन्होने कहा आईटीवीपी यंहा खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देगी।
अग्नि सुरक्षा उपकरणों का रखरखाव आग के खतरों को कम कर सकता है। 20 अप्रैल तक मनाया जायेगा अग्निशमन एवं आपात सेवा सप्ताह।
टिहरी। 14 से 20 अप्रैल तक चलने वाले अग्निशमन एवं आपात सेवा सप्ताह के दौरान अग्निशमन केन्द्र नई टिहरी द्वारा विभिन्न जगहों पर आग से बचाव के लिये जागरूकता कार्यक्रम किये जायेंगे। इस दौरान नई टिहरी ,चम्बा, बौराड़ी और भागीरथी पुरम में रैली भी निकाली जायेगी। सप्ताह के पहले दिन अग्निशमन केन्द्र नई टिहरी में अग्निकांड के दौरान मृतक अग्निशमन कर्मियों को श्रद्वांजंलि दी गई। इस मौके पर अग्नि शमन अधिकारी उदयवीर यादव ने बताया कि अग्नि सुरक्षा उपकरणों का रखरखाव आग के खतरों को कम करने के लिये महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा कि विभिन्न जगहों पर लगाये गये उपकरणों को समय समय पर रखरखाव हो तो भीषण अग्निकांड को टाला जा सकता है। इस मौके पर बताया गया है कि आग की एक छोटी सी चिंगारी भयानक हादसा बनता है, इसलिये जागरूक रहने की जरूरत है। उन्होने जनता से आहवान किया कि आग की घटनाओं पर तुरंत फायर सर्विस को काॅल करें, जिससे बड़ी दुर्घटन से बचा जा सके।
जंगलों की आग से हर तरफ धुआं-धुआं। बच्चों और बुजुर्गों की सेहत का ख्याल रखना जरूरी। अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या।
टिहरी। लगातार धधक रहे जंगलों से आसमान में धुआं धुआ है। इसका असर सीधे लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों में इस धुयें का प्रभाव देखने को मिल रहा है। अस्पतालों में इन दिनों स्वास्थ्य सम्बन्धी कारणों से आने आलों की संख्या में इजाफा हो रहा है। धुआं लोंगों के सांस और अलर्जी की समस्यायें पैदा कर रहा है। टिहरी जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अमित राय का कहना है कि अन्य दिनों की अपेक्षा अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा है। बच्चों को लेकर अधिकांश लोग इन दिनों अस्पताल आ रहे हैं। उन्होने कहा कि बुजुर्गों में सांस लेने की तकलीफें बढ़ रही हैं। डा. राय ने कहा कि धुंये से बचाव के लिये लोगों को मास्क उपयोग में लाना चाहिये। दरअसल इन दिनों टिहरी जिले में हर तरफ जंगल आग की भेंट चढ़ रहे हैं। इस जंगल की आग से जंहा वन सम्पदा को खासा नुकसान पंहुच रहा है वंही लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है।